History of Ram Mandir full information in Hindi
- 5 August 2020 को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा ।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में भूमिपूजन कर नीव रखी ।
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 19 नवंबर 2019 को फैसला सुनाया गया था ।
आज भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अयोध्या में भूमिपूजन का कार्यक्रम सफल हुआ , बहुत ही जल्दी मंदिर का निर्माण भी शुरू हो जाएगा , राम मंदिर निर्माण के लिए वर्षों तक कोर्ट में केस चला , युद्ध हुए , बहुत से लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे डाली ,उन्ही सब का नतीजा है आज यह खूबसूरत घड़ी आयी है ,दोस्तों बिना कुछ देर किए हुए हम आपको history of ram mandir full information देते हैं ।
History of Ram Mandir : सन 1528 से 6 दिसम्बर 1992 का दौर
सन 1528 को बाबर के कमांडर ने मंदिर को तुड़वाकर बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया , तत्पश्चात सन 1885 महंत रघुबीर दास जी ने कोर्ट में याचिका दायर की पर अदालत ने इसे खारिज कर दिया , सन 1949 को गुम्बद के अंदर रामलला की मूर्ति लगाई गई , फिर 1950 में फैज़ाबाद के गोपाल शिमला विशारद जी ने राम भगवान की मूर्ति को पूजने और उनके दर्शन की अनुमति के लिए याचिका दायर की और इसी के साथ परमहंस रामचंद्र दास जी ने 1950 को मूर्ति पूजने के अधिकार को रखने की बात की और कोर्ट में याचिका दायर की ।
सन 1959 में निर्मोही अखाड़ा ने अपनी तीसरी अर्जी डाली , साल 1961 को यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने मंदिर में रखी मूर्ति को हटाने के लिये याचिका दायर की , उसके बाद वर्ष था 1984 का हिन्दू परिषद के कमिटी के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि मंदिर इसी जगह ही बनेगा ,और इसी प्रकार हिन्दू परिषद गठन की स्थापना हुई , 1 february 1986 को फैज़ाबाद के जिला जज एम पांडेय ने मंदिर से टाला हटाने की स्वीकृति दी ,6 december 1992 को दो राजनैतिक पार्टी शिव सेना और वी एच वी के लाखों कार्यकर्ताओं ने उस विवादित ढांचे को गिरा दिया और इस कारण हिन्दू मुश्लिम झगड़े बड़ गए जिस वजह से हज़ारों लोगों ने बलिदान दिया ।
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History of Ram Mandir full information in Hindi
साल 2002 से साल 2017 का दौर :
दोस्तों साल 2002 बहुत ही दर्दमयी था इस वर्ष हिन्दू कार्यकर्ताओ को लेकर जा रही ट्रैन जिसमे आग लगा दी गयी और इसी कारण गुजरात दंगे हुए जिसमे बहुत से लोगों ने अपनी जान गवाई , 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने असलम (भूरे) मामले में जमीन में किसी भी धार्मिक स्थल की अनुमति नही दी , फिर उसके कुछ साल बाद 2010 में विवादित जमीन को 3 बराबर हिस्सों में बाटने का आदेश आया , 2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसले में रोक लगाई ।
26 february 2016 में राममंदिर का निर्माण करने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी जी ने कोर्ट में याचिका दायर की , 2017 ने सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया , सुप्रीम कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का आव्हान किया , 12 नवम्बर 2018 को अखिल भारत हिन्दू महासभा की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इंकार किया ।
History of ram mandir : 2019 और 2020 का दौर :
मार्च 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने 8 सप्ताह में मामले की कार्यवाही को खत्म करने के लिए कहा , अगस्त में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई पर मामले का समाधान नही निकल सका , 6 अगस्त 2019 के बाद इस मामले की कार्यवाही रोजाना शुरू हुई , 16 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला रखा जो उचित था , 9 November 2019 इस दिन सुप्रीम कोर्ट ने पांच जजों की बैठक की और फैसला राम मंदिर के पक्ष में सुनाया गया , जिसमे 2.77 एकड़ विवादित जमीन हिन्दू के हित में आई और मस्जिद के लिए 5 एकड़ अलग से दी गयी ।
दोस्तों बात करें 2020 की तो यह वर्ष हम सभी हिंदुओं के लिए बहुत ही शानदार रहा है ,तारीख 25 मार्च 2020 को रामलला टेंट से हटकर अलग स्थापित किये गए और आज 5 August 2020 को प्रधानमंत्री जी के द्वारा भूमिपूजन का कार्यक्रम सफल रहा ।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ,यूपी के सी एम योगी आदित्यनाथ जी , आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत जी , और भी बड़ी नामचीन हस्तियां कार्यक्रम में शामिल रही , कार्यक्रम में सभी लोगो को मिलाकर कुल 175 लोग आमंत्रित थे ।
तो दोस्तों इस ब्लॉग के माध्यम से आपको History of Ram Mandir full information in hindi के विषय में बताया, आज बहुत ही खास दिन है जिसका हम सभी को बेसब्री से इंतज़ार था तो अगर आपको यह ब्लॉग पसन्द आया है तो आप इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें और हमारे youtube channel become youtuber से भी जुड़े ।
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